नमस्कार दोस्तों, आज के इस जबरदस्त आर्टिकल में आप जानने वाले हो Best Munshi Premchand Quotes In Hindi. जो आपको बहुत पसंद आएंगे और आपको प्रभावित भी करेंगे।
प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा।
तो चलिए शुरू करते है Best Munshi Premchand Quotes In Hindi.
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi

कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं। ~ मुंशी प्रेमचंद
मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है। ~ मुंशी प्रेमचंद
चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएँ। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi

महान व्यक्ति महत्वाकांक्षा के प्रेम से बहुत अधिक आकर्षित होते हैं। ~ मुंशी प्रेमचंद
जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है। ~ मुंशी प्रेमचंद
आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घर की याद आती है। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi

जिस प्रकार नेत्रहीन के लिए दर्पण बेकार है उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या बेकार है। ~ मुंशी प्रेमचंद
न्याय और नीति लक्ष्मी के खिलौने हैं, वह जैसे चाहती है नचाती है। ~ मुंशी प्रेमचंद
युवावस्था आवेशमय होती है, वह क्रोध से आग हो जाती है तो करुणा से पानी भी। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi

अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे। ~ मुंशी प्रेमचंद
देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो सकता। उसके लिए सच्चा त्यागी होना आवश्यक है। ~ मुंशी प्रेमचंद
मासिक वेतन पूरनमासी का चाँद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते घटते लुप्त हो जाता है। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi

क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है। ~ मुंशी प्रेमचंद
अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। ~ मुंशी प्रेमचंद
दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
विजयी व्यक्ति स्वभाव से, बहिर्मुखी होता है। पराजय व्यक्ति को अन्तर्मुखी बनाती है। ~ मुंशी प्रेमचंद
अतीत चाहे जैसा हो, उसकी स्मृतियाँ प्रायः सुखद होती हैं। ~ मुंशी प्रेमचंद
दुखियारों को हमदर्दी के आंसू भी कम प्यारे नहीं होते। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
मै एक मज़दूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं। ~ मुंशी प्रेमचंद
निराशा सम्भव को असम्भव बना देती है। ~ मुंशी प्रेमचंद
बल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है। ~ मुंशी प्रेमचंद
संसार के सारे नाते स्नेह के नाते हैं, जहां स्नेह नहीं वहां कुछ नहीं है। ~ मुंशी प्रेमचंद
जिस बंदे को पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए मर्यादा और इज्जत ढोंग है। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है, जीवन नाम है, आगे बढ़ते रहने की लगन का। ~ मुंशी प्रेमचंद
जीवन की दुर्घटनाओं में अक्सर बड़े महत्व के नैतिक पहलू छिपे हुए होते हैं! ~ मुंशी प्रेमचंद
नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है, पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं। ~ मुंशी प्रेमचंद
स्वार्थ की माया अत्यन्त प्रबल है | ~ मुंशी प्रेमचंद
केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है | ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है | ~ मुंशी प्रेमचंद
दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। ~ मुंशी प्रेमचंद
सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं | ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता | कर्तव्यपालन में ही चित्त की शांति है | ~ मुंशी प्रेमचंद
नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है | ~ मुंशी प्रेमचंद
अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है | ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है | ~ मुंशी प्रेमचंद
मनुष्य कितना ही हृदयहीन हो, उसके ह्रदय के किसी न किसी कोने में पराग की भांति रस छिपा रहता है| जिस तरह पत्थर में आग छिपी रहती है, उसी तरह मनुष्य के ह्रदय में भी ~ चाहे वह कितना ही क्रूर क्यों न हो, उत्कृष्ट और कोमल भाव छिपे रहते हैं| ~ मुंशी प्रेमचंद
जो प्रेम असहिष्णु हो, जो दूसरों के मनोभावों का तनिक भी विचार न करे, जो मिथ्या कलंक आरोपण करने में संकोच न करे, वह उन्माद है, प्रेम नहीं| ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
मनुष्य बिगड़ता है या तो परिस्थितियों से अथवा पूर्व संस्कारों से| परिस्थितियों से गिरने वाला मनुष्य उन परिस्थितियों का त्याग करने से ही बच सकता है| ~ मुंशी प्रेमचंद
चोर केवल दंड से ही नहीं बचना चाहता, वह अपमान से भी बचना चाहता है| वह दंड से उतना नहीं डरता जितना कि अपमान से| ~ मुंशी प्रेमचंद
जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा की जरुरत है, डिग्री की नहीं| हमारी डिग्री है ~ हमारा सेवा भाव, हमारी नम्रता, हमारे जीवन की सरलता| अगर यह डिग्री नहीं मिली, अगर हमारी आत्मा जागृत नहीं हुई तो कागज की डिग्री व्यर्थ है| ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
साक्षरता अच्छी चीज है और उससे जीवन की कुछ समस्याएं हल हो जाती है, लेकिन यह समझना कि किसान निरा मुर्ख है, उसके साथ अन्याय करना है| ~ मुंशी प्रेमचंद
दुनिया में विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी विद्यालय आज तक नहीं खुला है| ~ मुंशी प्रेमचंद
हम जिनके लिए त्याग करते हैं, उनसे किसी बदले की आशा ना रखकर भी उनके मन पर शासन करना चाहते हैं| चाहे वह शासन उन्हीं के हित के लिए हो| त्याग की मात्रा जितनी ज्यादा होती है, यह शासन भावना उतनी ही प्रबल होती है| ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
क्रोध अत्यंत कठोर होता है| वह देखना चाहता है कि मेरा एक~एक वाक्य निशाने पर बैठा है या नहीं| वह मौन को सहन नहीं कर सकता| ऐसा कोई घातक शस्त्र नहीं है जो उसकी शस्त्रशाला में न हो, पर मौन वह मन्त्र है जिसके आगे उसकी सारी शक्ति विफल हो जाती है| ~ मुंशी प्रेमचंद
कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सद्व्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुबाब दिखाने से नहीं| ~ मुंशी प्रेमचंद
सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं| ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है| ~ मुंशी प्रेमचंद
ऐश की भूख रोटियों से कभी नहीं मिटती| उसके लिए दुनिया के एक से एक उम्दा पदार्थ चाहिए| ~ मुंशी प्रेमचंद
किसी किश्ती पर अगर फर्ज का मल्लाह न हो तो फिर उसके लिए दरिया में डूब जाने के सिवाय और कोई चारा नहीं| ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
मनुष्य का उद्धार पुत्र से नहीं, अपने कर्मों से होता है| यश और कीर्ति भी कर्मों से प्राप्त होती है| संतान वह सबसे कठिन परीक्षा है, जो ईश्वर ने मनुष्य को परखने के लिए दी है| बड़ी~बड़ी आत्माएं, जो सभी परीक्षाओं में सफल हो जाती हैं, यहाँ ठोकर खाकर गिर पड़ती हैं| ~ मुंशी प्रेमचंद
नीतिज्ञ के लिए अपना लक्ष्य ही सब कुछ है| आत्मा का उसके सामने कुछ मूल्य नहीं| गौरव सम्पन्न प्राणियों के लिए चरित्र बल ही सर्वप्रधान है| ~ मुंशी प्रेमचंद
यश त्याग से मिलता है, धोखाधड़ी से नहीं | ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं | ~ मुंशी प्रेमचंद
लगन को कांटों कि परवाह नहीं होती | ~ मुंशी प्रेमचंद
उपहार और विरोध तो सुधारक के पुरस्कार हैं | ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
जब हम अपनी भूल पर लज्जित होते हैं, तो यथार्थ बात अपने आप ही मुंह से निकल पड़ती है | ~ मुंशी प्रेमचंद
अपनी भूल अपने ही हाथ सुधर जाए तो,यह उससे कहीं अच्छा है कि दूसरा उसे सुधारे | ~ मुंशी प्रेमचंद
विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला| ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गरूर है| ~ मुंशी प्रेमचंद
सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है| ~ मुंशी प्रेमचंद
डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है | ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
चिंता रोग का मूल है। ~ मुंशी प्रेमचंद
चिंता एक काली दिवार की भांति चारों ओर से घेर लेती है, जिसमें से निकलने की फिर कोई गली नहीं सूझती। ~ मुंशी प्रेमचंद
कुल की प्रतिष्ठा भी सदव्यवहार और विनम्रता से होती है, हेकड़ी और रौब दिखाने से नहीं। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
आदमी का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार है। ~ मुंशी प्रेमचंद
सोने और खाने का नाम जिंदगी नहीं है, आगे बढ़ते रहने की लगन का नाम जिंदगी हैं। ~ मुंशी प्रेमचंद
जवानी आवेशमय होती है, वह क्रोध से आग बन जाती है तो करुणा से पानी भी। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
जिस बंदे को दिन की पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए इज्जत और मर्यादा सब ढोंग है। ~ मुंशी प्रेमचंद
अन्याय होने पर चुप रहना, अन्याय करने के ही समान है। ~ मुंशी प्रेमचंद
कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो सकता। उसके लिए सच्चा त्यागी होना पड़ेगा है। ~ मुंशी प्रेमचंद
निराशा सम्भव को असम्भव बना देती है। ~ मुंशी प्रेमचंद
जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में है; उनका सुख छीनने में नहीं। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
आत्मसम्मान की रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म ओर अधिकार है। ~ मुंशी प्रेमचंद
मन एक डरपोक शत्रु है जो हमेशा पीठ के पीछे से वार करता है। ~ मुंशी प्रेमचंद
न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं। इन्हें वह जैसे चाहती है, नचाती है। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए, तो यह उससे कहीं ज्यादा अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे। ~ मुंशी प्रेमचंद
सौभाग्य उसी को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हैं। ~ मुंशी प्रेमचंद
विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी विद्यालय आज तक नहीं हुआ। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
चापलूसी का जहरीला प्याला आपको तब तक नहीं नुकसान पहुंचा सकता जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी ना जाए। ~ मुंशी प्रेमचंद
आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपना घर याद आता है। ~ मुंशी प्रेमचंद
दौलतमंद आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है। ~ मुंशी प्रेमचंद
Best Munshi Premchand Quotes In Hindi
क्रोध मौन सहन नहीं कर सकता हैं। मौन के आगे क्रोध की शक्ति असफल हो जाती है ~ मुंशी प्रेमचंद