देश की आजादी का जिक्र आते ही दिमाग में आने वाला पहला नाम भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का होता है।
गांधी के आंदोलनों ने ही एलीट क्लास के संगठन से पहचानी जाने वाली कांग्रेस को जमीन से जोड़ा।
गांधीजी के नेतृत्व में बिहार के चंपारण जिले में सन 1917 में एक सत्याग्रह हुआ।
खेड़ा आंदोलन ये आंदोलन भी किसानों से जुड़ा आंदोलन था।
तेज होते आंदोलनों से आजादी की उठती आवाज को दबाने के लिए अंग्रेजों द्वारा 1919 में रॉलेट एक्ट लाया गया था।
कांग्रेस और गांधी के नेतृत्व में 1920 में असहयोग आंदोलन चलाया गया।
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नमक सत्याग्रह को दांडी मार्च या दांडी सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है ।
देश में फैले छुआछूत के विरोध में महात्मा गांधी ने 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की थी।
महात्मा गांधी ने 1942 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के बॉम्बे सेशन भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी।
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