Transistor kya hai: कुछ लोगों का दिमाग दुनिया से हटके चलता है, और इसके चलते उन्हें सब लोग उन्हें पागल समझते हैं, लेकिन इसी पागलपन के वजह से वह कुछ लोग ऐसे काम कर जाते हैं जो दुनिया में क्रांति ले आता है, सोचने वाली बात तो यह है कि लोग ऐसे हटकर कैसे सोच सकते हैं? नए-नए चीजों का कल्पना उनके दिमाग में आता कहां से, क्या इसके पीछे कोई वजह है, पर वजह चाहे कुछ भी हो फायदा हम सबको को ही पहुंचता है .
इलेक्ट्रॉनिक्स के दुनिया में ट्रांजिस्टर एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसके बिना कोई भी चीज बनेगा ही नहीं, हमारे डेली लाइफ में जो प्रोडक्ट है उन सभी में ट्रांजिस्टर इस्तेमाल जरूर होता है, तो प्रश्न यह है कि आखिर ये Transistor kya hai, और इसे किसने बनाया? नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका मेरा एक और नॉलेजेबल पोस्ट में .
ट्रांजिस्टर देखने में काफी छोटे होते हैं लेकिन काम बहुत बड़ा करते हैं, वह कहते हैं ना नाम बड़े और दर्शन छोटे यहां कुछ उल्टा ही है, ट्रांजिस्टर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और विद्युत शक्तियों को बढ़ाने घटाने और बंद करने के लिए किया जाता है, अधिकतर जगह में ट्रांजिस्टर को इलेक्ट्रॉनिक करंट को एम्प्लीफाई करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और हर अलग काम के लिए अलग-अलग प्रकार के ट्रांजिस्टर होते हैं, जिनका नाम P.NP/N.P.N है .
P.NP OR N.P.N Transistor
मतलब N प्रकार के पदार्थ यानी एक तरह से न्यूट्रल और P यानी पावर यानी पॉजिटिव करंट, यानी के जिस ट्रांजिस्टर के बीच वाला हिस्सा में पॉजिटिव करंट को इस्तेमाल किया जाता है वह N.P.N Transistor है, उसी तरह P.NP Transistor भी होता है, जो ठीक इसका उल्टा ही काम करता है.
इस बात को आप स्सधारण तोर पर समझें तो यह कुछ इस प्रकार है जेसे की:N.P.N “N यह भाग में नकारात्मक विदुत होता है P इस भाग में सकारात्मक विदुत होता है, N इस भाग में भी नकारात्मक विदुत होता है” इसी प्रकार से P.NP Transistor भी होता है. इसे आप निचे दिए गये छबी से भी समझ सकते है.
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Power Transistor kya hai?
Power Transistor को हाय करंट सप्लाई में इस्तेमाल किया जाता है, यह ट्रांजिस्टर P.N.P या फिर N.P.N. दोनों ही हो सकते हैं, और इनका एंपियर कैपेसिटी 1 एंपियर से 100 एंपियर तक हो सकता है, ज्यादातर यह ट्रांजिस्टर टीवी में Fridge में इस्तेमाल किया जाता है .
दुनिया में सबसे पहले जर्मन भौतिक वैज्ञानिक जूलियस एडगर लिलिएनफेल्ड ने कनाडा में पेंटट के लिए फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर F.E.T का मंजूरी की प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन कोई ठोस वजह ना होने के वजह से उसे नामंजूर कर दिया गया था, मगर बाद में John Bardeen और William Shockley ने 1947 में Bell lab में ट्रांजिस्टर को फिर से उत्पन्न किया था .
सच में अगर ट्रांजिस्टर का आविष्कार ना होता तो आज हम कंप्यूटर टीवी मोबाइल फोन जैसे उपकरण इतने छोटे पैमाने पर इस्तेमाल नहीं कर पाते, शायद आज भी कंप्यूटर के लिए हमें एक अलग से कमरे की जरूरत पड़ती, उम्मीद है आप पसंद आया होगा हमसे जुड़े रहने के लिए धन्यवाद आपका दिन शुभ हो .
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